एक दानव के घर एक भक्त का जन्म हुआ। | प्रह्लाद की कहानी
एक पुरानी कहावत है: “माता यदि ठान ले तो वो क़ुदरत को भी बदल सकती है।” इतिहास के कई उदाहरण इस बात को सच साबित करते हैं। माँ के मनोबल और गर्भावस्था में किए गए संस्कारों ने सचमुच चमत्कार दिखाए हैं।
आज हम भक्त प्रह्लाद की कहानी जानेंगे: भक्त प्रहलाद का जन्म दानव कुल में हुआ था, यह बात हम सभी जानते हैं। दानव कुल में जन्म लेने के बावजूद उनके गुण देवताओं के समान थे। ऐसा कैसे? क्या कारण है जिसने दानव कुल में प्रहलाद को देव जैसे गुणों का स्वामी बनाया?
उत्तर है: ‘गर्भसंस्कार’। गर्भसंस्कार का अर्थ है गर्भवती स्त्री द्वारा बच्चे को गर्भ में ही किए जाने वाले संस्कारों का सिंचन।
गर्भावस्था के दौरान भक्त प्रह्लाद की माँ कयाधु नारद मुनि के आश्रम में रहती थीं। उनका संपूर्ण समय भगवान नारायण के मंत्र जाप और प्रभु की कथा-वार्ता सुनने में व्यतीत होता था। आश्रम का वातावरण बेहद शांत और भक्तिमय था। भोजन भी शुद्ध और सात्विक मिलता था।
ऐसे भक्तिमय वातावरण का प्रभाव उनके गर्भस्थ शिशु पर हुआ। फलस्वरूप भक्त प्रह्लाद में भक्ति के बीज संस्कारित हुए और भारतवर्ष को श्रेष्ठ भक्त की भेंट मिली।
यह एक श्रेष्ठ उदाहरण है कि सगर्भा स्त्री जैसे माहौल में रहे और जैसा चिंतन करे उसकी बच्चे पर होने वाली असर को समझने के लिए।
गर्भसंस्कार की वजह से ही शायद राक्षस हिरण्यकश्यपु का पुत्र भक्त प्रह्लाद देवतुल्य कहलाते थे। सचमुच गर्भावस्था के दौरान हर एक स्त्री बच्चे के शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास पर भी ध्यान केंद्रित करें तो नब्बे वर्ष का काम नव महिने में हो जाए और चाहे वैसी दिव्य आत्मा को जन्म देकर इस विश्व को उत्तम संतान की भेंट दे सकती है।
यह कहानी हमें प्रेरणा देती है कि:
- गर्भावस्था के दौरान माता का मनोबल और वातावरण बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- माता द्वारा किए गए संस्कार बच्चे के चरित्र और गुणों को आकार देते हैं।
- गर्भसंस्कार एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जिसके द्वारा माता अपने बच्चे को बेहतर भविष्य प्रदान कर सकती है।
गर्भ संस्कार, एक अद्वितीय संस्कृतिक परंपरा है, जिसमें बच्चे को सकारात्मक और सात्त्विक भावनाओं से युक्त करने का प्रयास किया जाता है। इस परंपरा का इतिहास वेदों से लेकर आधुनिक काल तक है और यह धार्मिक, सामाजिक, और आध्यात्मिक सिद्धांतों के साथ जुड़ा हुआ है। आजकल, गर्भ संस्कार को एक आधुनिक दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है, और GoPreg एक ऐसा ऐप है जो पुरानी संस्कृति को फॉलो करते हैं आपके लिए गर्भ संस्कार की वही पुरानी संस्कृति को पुन: ले कर आया है आपके शिशु के उज्ज्वल भविष्य के लिए तो फिर देर किस बात की आज ही हमारा ऐप प्ले-स्टोर से डाउनलोड करें और आज ही जुड़ें हमारे साथ। धन्यवाद !